Day 01 Shri Pataleshwar Shiv Mahapuran Jharkhand, कथा की शुरुआत में Pandit Pradeep Mishra ji ने कहा शिवजी की पवित्र भूमि झारखंड है बाबा बैजनाथ के रूप में यहां पर शिवजी विराजमान है कथा के मुख्य यजमान श्रीमती रंजीता जी वर्मा यजमान परिवार मीना देवी, श्री संतोष कुमार, संगीता कुमारी जी, मीरा देवी जी, युक्ता जी वर्मा जी, यज्ञदीप जी वर्मा इस कथा में मुख्य यजमान का पद ग्रहण किया है भगवान शंकर का एक रूप है पातालेश्वर महादेव है
शिव महापुराण की कथा में जब हम जाकर बैठते हैं हम जितने भी कदम चलकर शिव महापुराण की कथा में बढ़ते जाते हैं उतने उतने हम अपने दुख को काटते चले जाते हैं और परमात्मा की शरणागति प्राप्त करते हैं हम भगवान की भक्ति को अंदर उतरेंगे तो फिर हमें मुक्त होने के लिए कोई साधन नहीं ढूंढना पड़ेगा फिर हमारे महादेव हमें ढूंढने का प्रयास करते हैं
जैसे माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं और वह यह आस लगाते हैं कि बच्चा जल्दी घर आएगा वैसे ही शंकर जी हमें पृथ्वी पर भेजते हैं तो कहते हैं कि आप अपने परिवार कुटुंब के साथ रहते हुए भागवत भजन करना और फिर आना मैं अपने हृदय से लगा दूंगा
जो फूल पत्ती शिवलिंग पर चढ़ जाता है भगवान पर चढ़ जाता है वह रोड पर नहीं फेंका जाता पैर के नीचे नहीं आने देते उसका विसर्जन कर दिया जाता है उसे जल में या किसी पौधे पेड़ में डाल दिया जाता तो विचार कीजिएगा कि हम भगवान शंकर को एक लोटा जल प्रतिदिन चढ़ाते हैं स्पर्श करते हैं तो क्या हम नरक चले जाएंगे हम भी अच्छी जगह ही जाएंगे जिस पर महादेव करुणा कृपा करना चाहते हैं उसे अपनी तरफ खींच कर बुला लेते हैं
सूर्य की रोशनी सारे लोक में जाती है लेकिन पाताल लोक में सूर्य की रोशनी नहीं जाती तो कहा कि पाताल लोक में प्रकाश रोशनी कैसे आती तो स्कंद पुराण में बताया कि पाताल लोक में जो नाग सर्प रहते हैं उनके मस्तक पर जो मणि होती है उस मणि की रोशनी से वहां प्रकाश रहता है पाताल लोक के स्वामी वासुकी नाग है और वासुकी नाग शिव जी के गले में है शिवजी वासुकी नाग से कहते हैं कि जो मेरे ऊपर जल चढ़ाएं उसकी जिंदगी में कितना भी अंधेरा हो लेकिन उसके जीवन में प्रकाश ही प्रकाश होना चाहिए
पत्र गुरुजी पिंकी अमरजीत सिंह मेरा बेटा 7 साल का है मेरे बेटे को कई सालों से पूरे शरीर पर सफेद दाग हो गए थे इलाज करवाया लेकिन आराम नहीं मिला भस्म का प्रयोग किया मेरे बेटे का पूरा शरीर ठीक हो गया
पत्र ज्योति कुमारी कई डॉक्टरों से इलाज कराया लेकिन संतान का सुख नहीं था शिवजी के ऊपर जल चढ़ाया पशुपति व्रत किया मुझे संतान की प्राप्ति हुई
कई लोग कहते हैं जो हमारे घर में शिवलिंग है उसमें वासुकी नाग लगाना जरूरी होता है क्या तो बहुत ध्यान से सुनिए
हमारे जो घर में शिवलिंग होता उसमें शंकर जी विराजमान होते हैं तो शंकर जी के गले में स्वयं वासुकी नाग विराजमान है अगर शंकर जी ने रुद्राक्ष की माला पहन रखी है तो शिवलिंग में रुद्राक्ष का बल है शंकर जी बाघम्बर पहने हैं तो शिवलिंग में बाघम्बर का अंश है शंकर जी ने गंगा धारण कर रखा है तो शिवलिंग में गंगा जी है
जरूरी नहीं कि आपके घर में जो शिवलिंग है उसमें नाग हो अगर आपके घर में जो शिवलिंग है उसमें पहले से सर्प है तो रखा रहने दो लेकिन खरीद के लाकर लगाने की जरूर नहीं है
गुरु जी ने कहा शिव महापुराण की कथा कहती है जिसको रात्रि में सोते समय या सुबह सपने में सर्प नजर आते हैं कोई मरा हुआ व्यक्ति नजर आता है कोई डरावनी सी वस्तु नजर आती है कोई श्वेत सफेद वस्त्र नजर आते हैं या कोई सर्प नजर आता है तो हमारा शास्त्र कहता है
शिवलिंग के पांच स्थान
एक बेलपत्र अशोक सुंदरी वाली जगह पर पहले चढ़ा देना है फिर बिना टूटे 5 चावल के दाने में गिला चन्दन लगा लीजिये शिवलिंग में पहला स्थान शिवलिंग के दाहिनी तरफ गणेश जी स्थान पर एक चावल का दाना चंदन लगा रखना है दूसरा स्थान शिवलिंग की बाये तरफ कार्तिकेय जी के स्थान पर चन्दन लगा चावल का दाना रखना तीसरा शिवलिंग के बीच में अशोक के स्थान पर चन्दन लगा चावल का दाना रखना चौथा शिवलिंग के पीछे माँ पर्वती के स्थान पर चन्दन लगा चावल का दाना रखना पांचवा शिवलिंग के ऊपर चन्दन लगा चावल का दाना रखना फिर जो बेलपत्र चढ़ाई है उसी बेलपत्र को उठाकर लाना है भगवान पातालेश्वर महादेव का नाम लेकर शाम के समय प्रदोष काल में आपको बेलपत्र खा लेना है फिर आपकी जिंदगी में कभी भी सर्प का स्वप्न नहीं आ सकता सर्प का भय भी नहीं होगा जितना हम शिव का स्मरण करते हैं उतना सुख बढ़ता है
जीवन में अगर बहुत तकलीफ, कष्ट, दुख चल रहा हो शंकर जी को एक लोटा जल चढ़ाओगे तो वह जल 33 कोटि देवताओं को जाएगा उसका फल आपको मिलेगा शिवजी पर चढ़ा जल हमारा बदलेगा कल
पत्र विनीता मेरा बच्चा हाथ पैर नहीं हिलता था इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है सीहोर की रुद्राक्ष को तांबे के लोटे में गला कर शिवजी को चढ़कर जल देना शुरू किया पशुपति व्रत किया मेरा बेटा अब ठीक हो गया है
जब आप जल चढ़ाते हो तो आपके चेहरे पर मुस्कुराहट होनी चाहिए पत्र सुषमा कुमारी मैं एक लोटा जल और रुद्राक्ष का महत्व बताना चाहती हूं मेरे चेस्ट में 10 MM की गठन हो गई थी और उसका ऑपरेशन होना था रुद्राक्ष का जल शिवजी पर चढ़कर पीना शुरू किया ऑपरेशन से पहले जांच करवाया तो पता चला की चेस्ट में अब गठान नहीं है
पत्र ब्यूटी देवी भोले बाबा का क्या वर्णन करूं मेरे पास शब्द नहीं है मेरे माता जी के चेस्ट में कैंसर हो गया था बाबा ने कैंसर ठीक कर दिया मेरे बेटे की सरकारी नौकरी लग गई
कोई बेलपत्र का पेड़ सूख गया हो तो उसकी जड़ को रख लेना चाहिए पांच शिवरात्रि या पांच प्रदोष के दिन बेल पत्री के जड़ को घिसकर जैसे चंदन लगाते हैं वैसे शिवलिंग पर लगाना चाहिए या त्रिपुंड लगाओ या लेपन कर दो उसे जो बेल पत्री का चन्दन आपने शिवलिंग पर लेपन किया है त्रिपुंड लगाया है उस चंदन को निकाल लो और उसकी छोटी-छोटी सी गोलियां बनाकर रख लेना 15 दिन में उसे गोली को भगवान शंकर पातालेश्वर महादेव का नाम लेकर खाना है लो अगर आप को डॉक्टर ने आपके घुटने बदलने के लिएया कमर की हड्डी में गैप बताया है तो यह उपाय जरूर करे
चिंकी अग्रवाल पशुपति व्रत किया मेरे पति का काम बहुत अच्छा चल रहा है मेरे लीवर में एक गठन हो गई थी अब मैं बिल्कुल ठीक हूं परिवार का एक व्यक्ति भी शिव महापुराण की कथा सुनने के लिए बैठता है उसके नाना पक्ष और पिता के पक्ष में 71 पीढ़ी उस कथा में उसके पीछे-पीछे जाती हैं