Prayagraj Shiv Mahapuran katha Address 2024, दो दिवसीय शिव चर्चा प्रयागराज

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Day 04 श्री पातालेश्वर शिव महापुराण जमशेद पुर झारखंड की कथा का आज चौथा दिन था आज की कथा में पूज्य पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने जो विशेष बातें, खास जानकारी, उपाय बताया वही हम आप को बताने जा रहे जिससे आप को महादेव की असीम कृपा प्राप्त हो आप का जीवन हमेशा खुशियों से भरा रहे कथा की शुरुआत में पूज्य पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कहा हम परिवार में शिव को शामिल करें शंकर जी को अपने परिवार का एक अंश बना लो अगर शिवजी आपके परिवार का अंश है तो शंकर जी सब संभाल लेंगे फिर हमें कोई टेंशन लेने की जरूरत नहीं शंकर जी सब संभाल लेंगे हम सिर्फ शंकर जी का नाम लेते हैं और शंकर जी ने आपके नाना पक्ष में, दादा पक्ष में, आपके कुल में सबको तार देते

दो दिवसीय शिव चर्चा प्रयागराज 12 से 13 फरवरी 2024

स्थान

Prayagraj Shiv Mahapuran katha Address 2024

पीपा नंबर एक पीपा नंबर दो पुल, गंगा के किनारे, माघ मेला, प्रयागराज संगम, समय 01 बजे से 4:00 तक
पीपा का पुल वहाँ पर बना है जहाँ माँ गंगा जी है माँ गंगा के किनारे प्रयागराज संगम

किसी ने गुरु जी से प्रश्न किया कि क्या हमारा मंदिर जाना रोज जरूरी है तो गुरु जी ने कहा कि आप लिख कर रख लो की 365 दिन में से 200 दिन मंदिर गए अपने शिव जी को समय दिया और अपने परिवार में जो समय दिया वह भी लिख कर रख लो जब आपकी जब दुख की घड़ी तकलीफ की घड़ी आएगी जब कोई काम बिगड़ेगा जब आपका समय बिगड़ेगा तो महादेव आपके दरवाजे पर खड़े मिलेंगे महादेव को बुलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी अपने समय महादेव को दिया है तो महादेव आपके साथ हर घड़ी, हर पल, हर दुख की घड़ी में आपके साथ रहेंगे शिवजी दिखते नहीं है लेकिन जब आपके जीवन की घड़ी में दुख तकलीफ आती है आप आवाज लगते हो तो वह तुम्हारे सामने आ जाते हैं

पत्र स्मृति वर्मा बाबा की दया का मैं क्या बखान करूं कथा तो मैं सुनती थी लेकिन मुझे विश्वास नहीं थामहादेव को जल चढ़ाने से भयंकर से भयंकर रोग समाप्त हो जाते हैं मेरी मम्मी को फोर्थ स्टेज का कैंसर हो गया सीहोर के रुद्राक्ष का जल दिया फिर 6 महीने में जांच कराया तो पता चला पूरा कैंसर समाप्त हो गया

मंथरा के पिता भगवान शंकर के परम उपासक थे अगर आपको पति, पत्नी, परिवार, घर अच्छा मिला है तो समझ लेना कि अपने पूर्व में शंकर जी की आराधना की है

पत्र प्रीति मैंने सफेद आंकड़े की जड़ का प्रयोग किया मुझे पुत्र की प्राप्ति हुई है

आपका पति अगर आपके साथ मंदिर, कथा में जा रहे है आपकी पत्नी अगर आपके साथ मंदिर जा रही है तो समझ लेना आपके बराबर कोई भाग्यशाली नहीं है

7 मार्च से 13 मार्च तक कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव होने जा रहा है रुद्राक्ष वितरण नहीं होगा लेकिन बाबा की भूमि पर कंकर शंकर को प्रणाम करो 12 ज्योतिर्लिंग के बीच में बैठकर शिव महापुराण की कथा सुनो

जो शंकर जी की शरण में चला गया उसने जिंदगी में कभी हार नहीं मानी शंकर भगवान का भजन कीर्तन नाम जाप जो करता है वह कभी नहीं हारता, जिंदगी में वह आगे ही बढ़ता है

पत्र रूबी देवी मेरी चाय की दुकान है कभी वह चलती है कभी नहीं चलती है मेरे बेटे ने पढ़ाई की लेकिन उसकी जॉब नहीं लगी पंडाल में बैठ कर कथा सुनी मेरे बेटे की बड़ी कंपनी नौकरी लग गयी

भगवान से मांगो मना नहीं है लेकिन आप दान भी करते चलो सुबह मंदिर जाओ और शिवलिंग पर जल चढ़ाओ शिवलिंग का चढ़ा हुआ लोटे में लेकर आओ उसे जल को अपने परिवार के सभी लोगों को दो-दो बूंद दे दो उस जल का सबको दान अवश्य करो

आप जप नाम का भी दान कीजिए जब मंदिर जाओ जो वहां पर मिल जाए उसे श्री शिवाय नमस्तुभ्यं कहिये
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं वह मंत्र है जो आपको एनर्जी बल देता है

प्रेक्टिकल करके देखिएगा

शिवलिंग में जो अशोक सुंदरी का स्थान

अगर आपको शंकर जी का दीदार दर्शन करना है तो यह उपाय 15 दिन लगातार कीजिये शुरुआत आप किसी भी दिन से कर सकते है

शिवलिंग में जो अशोक सुंदरी वाली जगह है आप को लोटे का पूरा जल सिर्फ अशोक

ऐसा 15 दिन लगातार करना है फिर महादेव आपके सपने में आकर दर्शन पक्का देंगे

भक्त प्रहलाद के पुत्र विलोचन थे जो प्रतिदिन शिव मंदिर में अभिषेक करने के बाद दान करते थे विलोचन ने एक बार इंद्र की सत्ता जीत ली तब इंद्रदेव ने ब्राह्मण के रूप में विलोचन से भिक्षा मांगने आए उनका शीश इंद्र ने मांग लिया विलोचन ने अपना शीश काट कर दे दिया विलोचन के पुत्र राजा बलि ने इंद्र पर प्रहार किया और शीश लेकर आए विलोचन की पुत्री ने सर्प बाण छोड़े और पूरा देवलोक हिला दिया तब भगवान विष्णु ने समझाया गरुड़ ने विलोचन की पुत्री का का शरीर खाना शुरू किया तब विलोचन की पुत्री ने अंतिम समय में भगवान शंकर को याद किया शिव जी आप पधारो आएंगे नहीं मेरे पिताजी आपका पूजन करते थे तब शिवजी सामने प्रकट हो गए तब विलोचन की पुत्री ने भगवान शंकर से वर मांगा कि भगवान विष्णु ने हमें पिताजी का बदला लेने नहीं दिया मेरा पृथ्वी पर जन्म हो और भगवान विष्णु मेरी गोद में खेले और मैं भी नारायण को परेशान करूं नारायण पृथ्वी पर दर-दर भटके और नारायण जब शिव की आराधना करें तब वापस राज सिंहासन प्राप्त हो वही विलोचनकी पुत्री बाद में मंथरा बनकर पैदा हुई

शिवजी का चढ़ा हुआ जल घर लेकर आया करो और अपने घर में छीट दिया करो जिससे आपके घर में अगर कोई तकलीफ होगी समाप्त हो जाएगी।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं हर हर महादेव

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