Pandit Pradeep Mishra : श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र दिन में कितनी बार बोलने से शिवजी का दर्शन हो जाता, दुःख तुरंत खत्म…

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Day 03 संत शिव महापुराण स्पोर्ट्स स्टेडियम बठिंडा पंजाब में चल रही कथा का आज तीसरा दिन था शिवपुराण कथा की शुरुआत में पूज्य गुरु जी Pandit Pradeep Mishra जी ने कहा हम जितना जितना संघर्ष करेंगे जितना मेहनत करेंगे कर्म करेंगे उतना उतना हमें फल प्राप्त होगा जो शिव भक्ति में डूबा रहता है उसे किसी अन्य से डरने की जरूरत नहीं होती उसकी भक्ति का बल, विश्वास का बल उसके पास होता है स्वामी विवेकानंद जी के पास आकर एक व्यक्ति ने कहा कि मेरे पास बहुत कष्ट बहुत तकलीफ है मेरी परेशानी को समाप्त कर दीजिए पूज्य गुरु जी Pandit Pradeep Mishra जी ने कहा जब तक आपने एक लोटा जल नहीं चढ़ाया तब तक दुख कष्ट तकलीफ आपका है जिस दिन से अपने एक लोटा जल महादेव को चढ़ा दिया उस दिन से दुख, कष्ट, तकलीफ महादेव का हो गया

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स्वामी विवेकानंद जी ने उसे व्यक्ति से कहा कि हम आपका दुख समाप्त कर देंगे मना नहीं है लेकिन यह मेरा जो कुत्ता है उसे टहला कर ले आओ जब कुत्ता टहल कर आया तो कुत्ता हाँफने लगा तब स्वामी विवेकानंद जी ने पूछा कुत्ता हाँफ क्यों रहा है तब उसे व्यक्ति ने कहा कि यह कुत्ता जो जाता था उसके पीछे दौड़ता था इधर-उधर दौड़ता रहा इसी वजह से थक गया है हाँफने लगा और मैं चुपचाप खड़ा रहा इसीलिए मैं नहीं हाँफ रहा हूं नहीं थका, तब स्वामी विवेकानंद जी ने कहा यह कुत्ता जहां देखता है वहां दौड़ कर जाता है स्वामी विवेकानंद जी ने कहा अपनी मंजिल को देखो और उसी की तरफ चलो पूज्य गुरु जी Pandit Pradeep Mishra जी ने कहा एक जो आपकी दुकान है भले छोटी सी है उसी पर ध्यान लगाओ वही दुकान आपकी जिन्दगी में चार चांद लगा देगी

जिस दिन आपका प्रेम स्नेह शिवजी के प्रति हो गया उसे दिन से आपको ना घड़ी देखनी पड़ेगी ना समय देखना पड़ेगा आपका समय और घड़ी दोनों महादेव स्वयं चलाएंगे

घड़ी, नक्षत्र, समय, शुभ लाभ, दिन, रात सब महादेव ने बनाया है

पत्र विमला देवी पिछले साल मेरे बच्चेदानी में कैंसर की गांठ थी शिवजी को जल चढ़ाना शुरू किया एक बेलपत्र रोज खाती बाबा ने मेरा पूरा कैंसर खत्म कर दिया

पूज्य गुरु जी Pandit Pradeep Mishra जी ने कहा शिव जी के करीब जाने के लिए आपको भक्ति को अपने हृदय में लाना है

जिम में जाया जाता है शरीर को मजबूत बनाने के लिए जिम में एक्सरसाइज करते समय तेज़ वॉल्यूम में गाना बजा दिया जाता है क्योंकि आपका ध्यान एक्सरसाइज और गाने में ही रहे कौन हंस रहा है क्या बोल रहा है उस तरफ ना जाए

पत्र विजय कुमार लिवर खराब था कोमा में चला गया सीहोर से रुद्राक्ष लाये तांबे के लोटे में गला कर शिव पर चढ़ाया उससी जल का आचमन किया मेरा लवर भी सही हो गया गांठ भी गल गई

मेरे भोले तू मेरा सहारा है मेरी नैया का तू किनारा है शिवजी जब मेरे साथ हैं तो चिंता कैसी सब काम हो रहे हैं

एक दिन भगवान शंकर मां पार्वती के साथ भ्रमण पर निकले भगवान शंकर खड़ाऊ, जूता, चप्पल पैर में नहीं पहने नंगे पैर शिवजी चल रहे थे उनके पैर में कांटे चुप रहे थे मां पार्वती शिव जी से बोली आपके पांव में कांटे चुप रहे हैं मां पार्वती ने कहा कि आपके पांव के कांटे निकाल देते हैं तब शिवजी ने कहा नहीं जो मेरी शरण में एक बार आ जाता है मैं उसे दूर नहीं करता

पूज्य गुरु जी Pandit Pradeep Mishra जी ने कहा जिसने एक बार पंडाल में कथा सुन ली फिर वह शंकर का हो गया और शंकर उसके हो गए तुम भले छोड़ दो लेकिन महादेव तुम्हें नहीं छोड़ेंगे जब आपकी दुख की घड़ी तकलीफ की घड़ी आएगी तब आपके पास शंकरजी खड़े होंगे

पत्र बबीता बाबा ने मुझ पर बहुत कृपा की है बेटे का C A क्लियर नहीं हो रहा था बेलपत्र पर शहद लगाकर चढ़ाया एक लोटा जल प्रतिदिन चढ़ाया और दिन-रात पढ़ाई की मेरे बेटे का C A क्लियर हो गया पूज्य गुरु जी Pandit Pradeep Mishra जी ने कहा अपने शिव पर अगर जल चढ़ाना छोड़ भी दिया तब भी महादेव आपकी दुख की घड़ी में जरूर आते हैं शिवजी आपके पास आते हैं आपका दुख और तकलीफ समाप्त करने के लिए

एक बार धतूरे ने शिव जी से रो-रो कर कहा कि सारे सुन्दर सुन्दर पुष्प देवताओं पर चढ़ते हैं हम किस पर चढ़ेंगे शमी पत्र ने रो-रो कर कहा कि हम किस पर चढ़ेंगे तब महादेव ने कहा जो किसी का नहीं हुआ वह मेरा है

पूज्य गुरु जी Pandit Pradeep Mishra जी ने कहा शिव महापुराण की कथा कहती है जहां आप रहे वहां खुश रहें आप छोटे से मकान में भी रह रहे हैं तो आप यह मत सोचिएगा मेरी जिंदगी दुख में है जो है आपके पास उसके लिए भगवान को धन्यवाद जरूर देना

पत्र उर्मिला देवी मेरे घर में संतान नहीं थी 9 साल निकल गए बाबा की कृपा से मुझे संतान हुई मेरी आंख में गठान हो गई डॉक्टर ने बताया कि कैंसर है ऑपरेशन करवाया ठीक नहीं हुई आंख, मंदिर की सफाई करी बाबा ने मेरा पूरा कैंसर समाप्त कर दिया

पूज्य गुरु जी Pandit Pradeep Mishra जी ने कहा एक बार मछली ने कहा गर्मी आ रही तालाब में पानी नहीं तो क्या में मर जाऊंगी शिवजी ने मछली से कहा अगर ललाट पर दुख लिखा है तो दुख आएगा लेकिन भजन करने से दुख समाप्त किया जा सकता है शिव भक्ति हमारे दुख को समाप्त कर देती मछली ने कहा कि शिव जी अगर आप पर भरोसा करेंगे विश्वास करेंगे तो आप हमारी रक्षा नहीं करेंगे तब शिवजी ने कहा कि पहले विश्वास और भरोसा तो करो मछली ने कहा कि मैंने सुना है कि शिवजी कष्ट नहीं होने देते हैं मेरा भरोसा और विश्वास आज से शंकर जी आप पर है आज से मैं आपके नाम का जाप करूंगी

Pandit Pradeep Mishra श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र दिन में कितनी बार बोलना चाहिए शिवजीका दर्शन हो दुःख तुरंत खत्म…

पूज्य गुरु जी Pandit Pradeep Mishra जी ने कहा श्री शिवाय नमस्तुभ्यं यह वह मंत्र है वह साधन है जिसके मुख से दिन में 21 बार श्री शिवाय नमस्तुभ्यं निकल जाता है उसको शंकर जी का दर्शन जरूर होता है शिवजी उसके दुख को खत्म कर देते हैं आपके नजदीक में जो मंदिर हैं उस मंदिर में जाकर श्री शिवाय नमस्तुभ्यं अपने मुख से कहा कहिये मंदिर में श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का बैनर एक लगा देना चाहिए जिससे आते-जाते व्यक्ति उसे मंत्र को पढ़ सके अपने घर पर श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र को चिपका दीजिये जिससे कोई आए तो पढ़े कोई जाए तो पढ़े चलते फिरते भी मंत्र पड़ेगा तो उसका जीवन सार्थक होगा

गर्मी पड़ी और पूरा तालाब सूख गया जो शिवजी के ऊपर जल चढ़ता था वही जल तालाब में जाता था पूरी गर्मी निकल गई तालाब में थोड़ा जल रहता जिससे मछली को जल मिलता रहता मछली ने कहा धन्य है आप शंकर जी जिसने मुझे अपने ही जल से बचा लिया गुरु जी ने कहा कमर घुटना पर कहीं भी दर्द हो तो जहां कथा सुन रहे हो जब आरती हो जाए तो वही की रज मिटटी शरीर में जहां दर्द हो रहा वहां जरूर लगाना और 7 दिन के अंदर आपको आराम मिलेगा जहां शिव महापुराण की कथा होती है वह कैलाश पर्वत होता है

पूज्य गुरु जी Pandit Pradeep Mishra जी ने कहा कि जब कोई अपना परिवार का अपशब्द कहता है तानें देता है तो चीख निकलती ही है
लेकिन हमें दुखी नहीं होना हमें हसी खुशी से रहना है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं हर हर महादेव

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