कथा की शुरुआत में श्री अंबा अंबेश्वर शिव महापुराण कथा में महाराज जी Pandit Pradeep Mishra ने कहा की माँ सती में दक्ष प्रजापति के यहां यज्ञ हो रहा था वहां पर उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए इसीलिए शिव जी को क्रोध आ गया शिव जी खुश नहीं थे महाराज जी ने कहा कोई धर्म का आयोजन हो रहा हो आपके नगर में तो आप धन से नहीं तो तन से तन से नहीं तो मन से सहयोग जरुर करो धर्म के काम में विघ्न नहीं डालना चाहिए
महाराज जी ने कहा की शिवालय में, 12 ज्योतिर्लिंग में, शिव के मंदिर में, शिव महापुराण की कथा सुनते जाओ वहां पर अगर कोई आपकी जगह पर बैठ भी गया तो आप थोड़ा खिसक कर बैठ जाओ अपने मुख से अपशब्द कुछ मत कहो
Pandit Pradeep Mishra महाराज जी ने कहा की एक मटके की कथा है
एक कुम्हार मटका बना रहा था मटका पकाने के लिए अग्नि में रखता है लेकिन उसे उन सारे मटको में से एक मटका छुप जाता है और वह मटका खूब हंसता है कि यह सब काले हो गए इन सब को कष्ट झेलना पड़ रहा है है यह सब अग्नि में तप रहे हैं फिर उसके बाद एक दिन बारिश हो गई जो मटके अग्नि में तप चुके थे वह मटके सही रहे जो मटका हंस रहा था वह बारिश में गल गया
महाराज जी ने कहा कि जब जीवन में दुख आता है तो ईश्वर हमें तपा रहा होता है कोई अपशब्द भी कहे कोई ताने भी दे तो यह समझ लेना की कि हम तपाये जा रहे हैं अब हमारे जीवन में अब सुख जरूर आएगा
पत्र – अनिल ने कहा गुरुजी कि मेरा एक प्रश्न है क्या कभी किस्मत भी बदलती है मेरा पूरा जीवन संघर्षों में रहा महाराज जी ने कहा कपड़े बदलते हैं हर चीज बदलती रहती है अगर आपका कर्म अच्छा है तो आपकी किस्मत पक्का बदलेगी अगर कर्म अच्छा नहीं है तो किस्मत नहीं बदल सकत
महाराज जी ने कहा इस संसार सागर का मृत्यु लोक का सबसे अच्छा पौधा कौन सा है महाराज जी ने कहा कि मृत्यु लोक का सबसे अच्छा पौधा विश्वास का है अपने मन में विश्वास जरूर रखना
पत्र अर्जुन एक दिन मेरे बेटे को रात में 12:30 बजे पेट में दर्द हुआ और 15 दिनों तक वह यूरिन नहीं जा पाया डॉक्टर ने कहा किडनी और लीवर दोनों डैमेज हो गए हैं 3 महीने तक वेंटिलेटर पर रहा हम बेलपत्र उसके पलंग पर रख देते मेरे बेटे को मृत घोषित कर दिया डॉक्टर से कहा कि एक दिन और देख लीजिए सीहोर का रुद्राक्ष मंगवाया रुद्राक्ष का जल बेटे के मुख पर लगाया थोड़ी देर बाद उसका शरीर हिलने लगा लिवर किडनी भी सही हो गया मेरे बेटे के प्राण छूट गए थे बाबा ने फिर से उसे प्राण दे दिए अंतिम संस्कार की तैयारी भी हो गयी थी
महाराज जी ने कहा सीहोर का रुद्राक्ष जो कुबरेश्वर धाम में मिलता है वह निशुल्क मिलता है चाहे आप रोग मुक्ति के लिए लो चाहे धन संपदा के लिए
महाराज जी ने कहा आप कहीं जा रहे हो बस से, गाड़ी से और आपको किसी पेड़ के नीचे कहीं शिवलिंग रखा दिख जाए और आप उसे देखते ही शिवलिंग के बारे में सोचने लगो शिव के बारे में सोचने लगो तो पार्वती खंड कहता है की 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन का फल उसी क्षण हमें मिल जाता
शिव का दर्शन, शिव महापुराण की कथा, शिव के भक्त का दर्शन, शिवालय का दर्शन शिवजी की अनुमति के बिना नहीं होते
महाराज जी ने कहा (जन्म) जन्म कहां होना है (मरण) मरना कहां है (परण) शादी किससे होनी है यह सब शिवजी अनुमति से ही होते हैं
महाराज जी ने कहा कि जितने लोग शिव जी को एक लोटा जल चढ़ाने वाले हैं शिव की कथा सुनने वाले हैं वह लोग एक गलती कभी ना करना अपने 33 कोटी देवी देवताओं में सर झुकाव लेकिन दूसरे के धर्म के स्थान पर कभी भी अपना सर मत झुकाना
पत्र – सूरज नवेल पशुपति व्रत की क्या महिमा करूं मेरी पत्नी का सातवां महीना चल रहा था सोनोग्राफी करवाइए तो डॉक्टर ने बताया बच्चों के एक किडनी नहीं है रीड की हड्डी टेढ़ी है बच्चा विकलांग है तब मेरी मां ने पशुपति व्रत किया और मेरी पत्नी ने कुंदकेश्वर महादेव जी का नाम लेकर नंदी जी के पास बैठकर जल का आचमन किया मेरा बच्चा स्वस्थ हुआ
महाराज जी ने कहा तुलसीदास जी को अकबर ने जेल में बंद कर दिया था तुलसीदास ने काजल से दीवारों पर पूरी हनुमान चालीसा लिख दी लिखते ही अकबर के घर में बंदर आना शुरू हुए धीरे-धीरे पूरे नगर में बंदर ही बंदर आ गए और नुकसान करने लगे तब अकबर ने तुलसीदास जी से क्षमा मांगी और तुलसीदास जी को जेल से बाहर निकाल
महाराज जी ने कहा की सावन की शिवरात्रि के दिन जो पार्थिव शिवलिंग का पूजन करवाते हैं दुनिया के लोग कुछ भी कह देते हैं पार्थिव शिवलिंग का रात में विसर्जन कर दिया रात में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करवा दिया, रात में अभिषेक करवा दिया महाराज जी ने कहा कि उसे शिवरात्रि को जो आपने पूजन किया है और आज से मिला लेना आपके घर में उन्नति जरूर हुई होगी
महाराज जी ने कहा जब कोई शंकर का भक्त, शिव का उपासक कुछ बोलता है कुछ कहता है तो स्वयं शिवजी उसे कहलाते हैं
महाराज जी ने कहा आपके जीवन में दुख है तकलीफ है बीमारी है तो जो आपके घर के पास शंकर का मंदिर है शिवालय है वहां पर जाकर एक लोटा जल चढ़ाओ दूसरी जगह बाद में जाओ
महाराज जी ने कहा की दुनिया के लोग कहते है कि यह नया मंदिर है यह पुराना मंदिर है यह प्राचीन मंदिर है लेकिन आपके मन में भेदभाव नहीं आना चाहिए नए में भी शिव है पुराने में भी शिव है शंकर एक ही है
महाराज जी ने कहा कोई हमें अच्छा लगता है कि हमारा चाचा अच्छे हैं काका अच्छे हैं तो वह आपकी दृष्टि में अच्छे हैं जब हमारी दृष्टि अच्छी होती है तो हमें अच्छा दिखता है जिसे आप कह रहे हो कि वह अच्छा है यानी कि आप अच्छे हो आपकी दृष्टि अच्छी है
पत्र – आस्था आशीष मिश्रा मैं बाबा का क्या गुणगान करूं बाबा जो भी देते हैं वह छप्पर फाड़ के देते हैं बच्चा 2 महीने का था तब से बीमारी हो गया इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है सीहोर का रुद्राक्ष लिया और गले में धारण करवाया डॉक्टर को दिखाया डॉक्टर ने कहा कि बच्चा यह स्वस्थ हो गया है सही हो गया है
महाराज जी ने कहा लोग कहते हैं कि शिव महापुराण की कथा सुनने से क्या मिलता है महाराज जी ने कहा हम कहते हैं शिव महापुराण कथा सुनने से दो चीज बदल जाती है एक दिल बदल जाता है और दिन भी बदल जाते हैं
महाराज जी ने कहा कि लोग कहते हैं मां पार्वती ने उबटन लगाकर गणेश जी प्रकट किया था लेकिन हमारी शिव महापुराण रहती है मां पार्वती ने अपने शरीर पर गोबर लगाया था और उसी से गणेश जी प्रकट हुए थे इसलिए हमारे यहां गोबर गणेश भी कहा जाता है मतलब की गोबर के गणेश जी मां पार्वती ने अपने शरीर पर गोबर लगाया उसे गोबर को उतार कर पुतला बनाया उसे पुतले में भगवान शिव ने प्राण दिए उसका नाम गणेश हुआ |