Day – 02 श्री देव महादेव शिवमहापुराण कथा जलगाँव, महाराष्ट्र में चल रही Pandit Pradeep Mishra पूज्य पंडित प्रदीप जी मिश्रा ने कहा
हम मंदिर जाते हैं भगवान का दर्शन करने लेकिन दर्शन करने का मतलब क्या होता है हमारे घर में हमारे पड़ोस में जो रह रहा है उसमें हम भगवान को देखें मतलब की हर एक व्यक्ति में हमें परमात्मा नजर आना चाहिए अपने घर
में अपने बेटे बहु की अच्छाई देखनी चाहिए जब आपको बहु बेटे और सब में अच्छाई नजर आने लगे तो समझ लेना कि परमात्मा के दर्शन हो गए
Pandit Pradeep Mishra Ke Upay
सास बहू से आस लगाकर बैठी है की बहू आएगी तो गरम रोटी खिलाएगी महाराज जी ने कहा आस लगाना तो सिर्फ भगवान से लगाना भगवान से कहना कि शरीर में इतना बल देना कि मरते दम तक भोजन बनाकर भोग लगाकर खा सके
Pandit Pradeep Mishra ने कहा समय सही न चल रहा हो तो शिव महापुराण कथा पंडाल में आकर सुनो
पत्र – शकुंतला गोलू शादी के 16 साल हो गए अस्पताल में इलाज करवाया लेकिन संतान नहीं हुई आंकड़े की जड़ का उपाय किया संतान की प्राप्ति हुई
संसार के आगे रो गें तो वह आंसू पोंछने नहीं आएंगे महाराज जी ने कहा कि आस लगाना है तो दुनिया के लोगों से नहीं, महादेव से लगाओ वह पूरा करेंगे
महाराज जी ने कहा दर्शन का मतलब होता है सब में अच्छा देखो
पत्र – कांता संजय शिव पुराण नहीं साक्षात् शिव है 22 साल का मेरा लड़का है मेरे लड़के को ब्रेन हमरेज हो गया बेटे के कान में कथा सुनाया धीरे-धीरे बेटे का शरीर काम करने लगा बेटा ठीक हो गया
महाराज जी ने कहा अगर आपके मोहल्ले में कोई बीमार है या आपके कोई जानने वाला बीमार है तो एक लोटा जल चढ़ाओ और महादेव से कह दो आज के जल का फल उसे दे देना जो बीमार है महादेव से कह दो कि उसकी बीमारी ठीक कर दो यानी कि हम अपने जल चढ़ाने का फल किसी और को देना चाहे तो दे सकते हैं जिससे उसके जीवन में सुख हो
महाराज जी ने कहा की पशु पक्षी शाम होते ही अपने घर पहुंच जाते हैं गाय भी शाम को अपने घर पहुंच जाती है लेकिन आजकल के बच्चे शाम को बाहर निकल जाते हैं माता-पिता को चाहिए की रात को अपने बच्चों लड़के लड़की को बाहर घूमने ना जाने दे पाबंदी लगाए
महाराज जी ने कहा कि हमारा नया साल चैत्र महीने में आता है
महाराज जी ने कहा 22 जनवरी को अयोध्या में राम जी बैठ रहे हैं अपने-अपने दरवाजे पर रंगोली डालो, दिया जलाओ, अपने घर को सजा दो, खूब खुशियां मनाओ महाराज जी ने कहा कुबरेश्वर धाम को भी 22 जनवरी को खूब लाइट लगेंगी खुशियां और आनंद मनाएंगे जो लोग अयोध्या नहीं जा सकते वो सीहोर कुबरेश्वर धाम आ जाए धूमधाम से मनाएंगे
स्वयं शिवजी तुम रुका जी से कहते हैं कि जहां पर शिव पुराण की कथा होती है वहां पर मैं स्वयं कैलाश सहित विराजमान रहता हूं जो लोग आरती होने के बाद भूमि की रज मिट्टी को मस्तक पर लगाकर जाते हैं उनकी मनोकामना जरुर पूरी होती है
पत्र – दीपक लोग कहते हैं कि पंडाल में कथा सुनने से श्री शिवाय नमस्तुभ्यं बोलने से क्या होता है मैं कहता हूं कि जो कहीं नहीं हो सकता वह यहां पर पूरा होता है बैंक की नौकरी के लिए तैयारी कर रहे थे रिजल्ट नहीं आया मेरा भाई ने मेरे साथ कथा में सुनी मेरे भाई का जोइनिंग लेटर आ गया नौकरी लग गई
पत्र- स्वाति किशोर शरीर में गठान हो गई डॉक्टर ने कहा कि गठान निकालना पड़ेगा चेकअप हुआ ब्लड कैंसर निकला पड़ोसन ने कहा कि मंदिर जाया करो शिवलिंग पर जल चढ़ाओ उसका आचामन करो बेलपत्र खाया रुद्राक्ष का जल चढ़ाया दोबारा जांच करवाई तो डॉक्टर ने कहा कि शरीर में कैंसर नहीं है
पत्र – स्वाति तायडे मुझे ब्रेन का प्रॉब्लम था बाबा की कृपा से सही हो गया
किसी ने महाराज जी से पूछा कि हम भाग्यशाली हैं कि नहीं तो महाराज जी ने कहा कि जो भारत में जन्म लेता है जो भारत में रहता है जो भारत का गौरव को बढ़ा रहा हो सनातन धर्म को बढ़ा रहा वह भाग्यशाली है
महाराज जी ने कहा रात्रि में सोते समय पांच बार श्री शिवाय नमस्तुभ्यं बोलो सुबह उठो तो सबसे पहले पांच बार श्री शिवाय नमस्तुभ्यं बोलो महाराज जी ने कहा कि एक बार बेलपत्री के वृक्ष के नीचे जो श्री शिवाय नमस्तुभ्यं, नमः शिवाय, ओम नमः शिवाय बोलता तो समझ लेना जो फल 12 ज्योतिर्लिंग में बैठकर जप करने से मिलता है वही फल हमें बेलपत्र के वृक्ष के नीचे बैठकर जप करने से मिल जाता
Pandit Pradeep Mishra Ke Upay स्त्री पुरुष को नमः शिवाय बोलने विधि
स्त्री जब नमः शिवाय का जप करती है तो पहले ओम नहीं लगती ऐसे बोलना है ध्यान दे – नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ऐसे जप करना है लेकिन पुरुष को ओम नमः शिवाय, ओम नमः शिवाय बोल कर जप करना
यानि की स्त्री को पहले ॐ नहीं बोलना है पहले नमः शिवाय फिर ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय बोलना स्त्री नारी लड़की को मंदिर में बैठकर ऐसे जप करने से मनोकामना पूर्ण होती है अगर ना याद रख पाओ तो श्री शिवाय नमस्तुभ्यं स्त्री पुरुष दोनों ऐसे जप सकते हैं
Pandit Pradeep Mishra Ke Upay बेलपत्र चढ़ाते समय यह मंत्र बोलने से तुरंत होगी कामना पूरी
महाराज जी ने कहा जब बेलपत्र चढ़ाओ शिवलिंग पर तो बेलपत्र को स्पर्श करके श्री शिवाय नमस्तुभ्यं या नमः शिवाय बोलकर चढ़ाओगे तो एक बेलपत्र चढ़ाने से 1000 बेलपत्र चढ़ाने का फल मिल जाएगा मनोकामना पूरी होती
जैसे मायके में माँ नहीं होती तो सब बेकार होता है वैसे घर के मंदिर में अगर शिवलिंग नहीं होता महादेव नहीं होते सारे देवी देवता होते तो बेकार है महाराज जी ने कहा चाहे आप जिस को भजो राम, कृष्ण, हरी विठ्ठल लेकिन घर के मंदिर में एक छोटा सा शिवलिंग या नर्मदेश्वर शिवलिंग या एक शिवलिंग का जरूर होना चाहिए घर में शिवलिंग रखने का साइज आप के अंगूठे से छोटा होना चाहिए
एक बार मां लक्ष्मी जप कर रही थी बेलपत्र के वृक्ष के नीचे महादेव ने कहा क्या चाहिए बताइए तो मां लक्ष्मी ने कहा मेरे प्रभु भगवान विष्णु जप कर रहे थे इसलिए मैंने भी जप किया मां लक्ष्मी ने कहा आप बस इतना दे दीजिए कि इस बेलपत्री के वृक्ष नीचे मैं हमेशा आपकी आराधना करती रहूं बेलपत्री के वृक्ष के नीचे मेरा निवास हो शिव जी ने कहा तथास्तु
महादेव जी ने कहा आज से आप विष्णु पत्नी महालक्ष्मी कहलाएगी माँ महालक्ष्मी ने कहा आपने हमें सोमवार का दिन दिया है जो आपके मंदिर शिवालय में जो सोमवार के दिन एक लोटा जल समर्पित करेगा मैं उसके लोटे में बैठकर उसके घर में जाऊँगी
महाराज जी कहा आप एक लोटा जल चढ़ा कर वापस आते तो आप के साथ महालक्ष्मी भी आपके घर आती
लक्ष्मी और महालक्ष्मी में अंतर होता है लक्ष्मी जी आती और जाती रहती हैं और महालक्ष्मी जी आप घर आती तो वही विराजमान होजाती वो जाती नहीं है
पत्र- वैष्णवी एक लोटे जल का मैं क्या वर्णन करूं मेरी बेटी को ब्रेन ट्यूमर हो गया था हम डेढ़ साल मुंबई के अस्पताल में रुके कथा सुना एक लोटा जल चढ़ाया बेलपत्र खाकर जांच करवाया डॉक्टर ने बताया कोई गठान नहीं है सही हो गया है।
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श्री शिवाय नमस्तुभयं हर हर महादेव
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं और ओम नमः शिवाय में क्या अंतर है?
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का अर्थ : श्री शिव मैं तुम्हें नमस्कार करता हूं। ॐ नमः शिवाय का अर्थ : ओंकार या ब्रह्म स्वरूप भगवान शिव को नमस्कार।
श्री शिवाय नमस्तुभयम बोलने से क्या होगा?
जीवन में सुख-शांति, धन, समृद्धि श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के जप से मिलती है। जीवन में आने वाली सारी बाधाएं, बीमारी, दुःख हट जाता हैं।
कौन से देवता जल्दी प्रसन्न होते हैं?
शिव जी सबसे जल्दी प्रसन्न हो जाते