Day 02 संत शिव महापुराण स्पोर्ट्स स्टेडियम बठिंडा पंजाब में चल रही कथा का आज दूसरा दिन था शिवपुराण कथा की शुरुआत में पूज्य गुरु जी Pandit Pradeep Mishra ने कहा भगवान महादेव माता पार्वती से कहते हैं मनुष्य का शरीर वह शरीर है जो पूर्व में हमने जितने पाप किए होते हैं गलत कर्म किए होते हैं वो इस मनुष्य के शरीर में हम भागवत भजन करके क्षण भर में पूर्व के किए गए गलत कर्म पाप को समाप्त कर सकते हैं मनुष्य का शरीर पाकर भगवान का भजन करना बहुत जरूरी है जो किताब हमें एक बार में नहीं समझ आती है उसे किताब को हम तीन चार बार पढ़ते हैं तो वह हमें समझ में आ जाती है इस तरह शिव भक्ति है अगर एक बार कथा सुनकर आपका चित में शिव भक्ति नहीं उत्पन्न हो रही है तो दो-तीन बार जब कथा आप सुनेंगे तो आपको शिवजी मिली ही जाएंगे शिव कथा शिव की भक्ति प्राप्त करने का साधन है एक बार ब्रह्मा जी ने कहा की विष्णु जी से कि आप मेरे पिता हैं यह हम जानते हैं कि मेरा जन्म भगवान विष्णु की नाभि कमल से हुआ लेकिन भगवान विष्णु आपके पिता कौन हैं तब भगवान विष्णु ने कहा कि महादेव जी मेरे पिता हैं
Day 02 Shree Sant Shiv Mahapuran Katha Bathinda Punjab Pandit Pradeep Mishra
पूज्य गुरु पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कहा मृत्यु लोक में ऐसा कोई नहीं जिसके जीवन में दुख ना आया हो राम कृष्ण के भी जीवन में दुख आया अपने कर्म का भोग मनुष्य को भोगना जरूर पड़ता है एक लोटा लेकर मंदिर जाने वाले का दुख उसका दुख नहीं होता है शिवजी का दुख हो जाता है
पत्र प्रीति शर्मा मेरी शादी के 10 साल निकल गए संतान का सुख नहीं हुआ सफेद आंकड़े की जड़ को तुमरुका जी का नाम लेकर बांधा एक बेलपत्र खाई बाबा की कृपा से मुझे संतान की प्राप्ति हुई है
पूज्य गुरु पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कहा आप जिस भरोसे के साथ भगवान की भक्ति करते हो उस भरोसे को भगवान निभाता है
पूज्य गुरु पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कहा असली गुरु असली संत की पहचान क्या है
पहला नमस्कार- असली गुरु हमेशा यही कहेगा कि दूर से प्रणाम करो दूर से नमस्कार करो
दूसरा चमत्कार- असली गुरु चमत्कार से दूर होता असली गुरु कभी चमत्कार नहीं करता
तीसरा धन- संत गुरु को किसने कितना रुपया दिया उसको इससे कोई मतलब नहीं होता है उसे अपने भजन और भक्ति से मतलब होता है
पत्र अरुण गुप्ता शिमला 11 साल से मैं गेहूं नहीं खा सकती थी क्योंकि गेहूं मेरे शरीर में खून नहीं बनने देता था एक अन्न का दान भी मेरे मुंह में नहीं जाता था मैंने पशुपति व्रत किया और प्रसाद में रोटी गुड का भोग लगाया बाबा से कहा कि 11 साल से मैं अन्न नहीं खाया है आप संभाल लेना प्रसाद खाया और मैं बिल्कुल ठीक हूं
पत्र सुनैना शर्मा मेरे बेटे के शरीर की नसों ने काम करना बंद कर दिया मेरे बच्चे का हाथ पैर ने काम करना बंद कर दिया वह चल फिर नहीं पता था बेटे को शिव जी का चढ़ा हुआ जल दिया शिव महापुराण की कथा सुनी मेरा बेटा ठीक हो गया चलने फिरने लगा
पूज्य गुरु पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कहा दिल से कथा सुना आपकी जिंदगी में कभी अंधेरा नहीं होगा प्रकाश ही प्रकाश होगा
पूज्य गुरु पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कहा सनातन धर्म में सारी परिक्रमा आगे से होते हैं लेकिन गाय की परिक्रमा पीछे से होती है क्योंकि गाय ने अपने मुख से झूठ बोल दिया था
पूज्य गुरु पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कहा एक झूठा व्यक्ति को नरक में पहुंचा देता
वट वृक्ष के नीचे जो शिवलिंग होता है उस शिवलिंग पर एक बार भी हम एक लोटा जल चढ़ा देते हैं तो उसका फल हमें बहुत अधिक मिलता है
पूज्य गुरु पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने बताया दशरथ जी पूर्व जन्म में एक ब्राह्मण थे उनका नाम हर ब्राह्मण था इनका नियम था भगवान शिव जी के मंदिर में जाकर 108 बेलपत्र समर्पित करते इनका नियम था 107 बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ते थे और एक बेलपत्र अशोक सुंदरी वाली जगह पर रख देते थे एक दिन हर ब्राह्मण ने स्त्री के रोने की आवाज सुनी पूछा कौन है तब वह स्त्री रोते-रोते बोली मैं एक प्रेत राक्षस असुर हूं मैं अपने पति, माता-पिता परिवारजन को अपशब्द कहती थी जिस पात्र में शिव जी के लिए जल जाता था मंदिर में उसे पात्र को मैं झूठ कर देती थी मुझे मुक्ति करिए हर ब्राह्मण ने कहा जो मैं शिव जी को 108 बेलपत्र चढ़ता हूं उसमें से एक बेलपत्र का फल आज तुम्हें देता हूं और एक बेलपत्र के फल से वह स्त्री प्रेत योनि से छूट गई स्त्री हर ब्राह्मण से बोली आपने मुझे प्रेत योनि से मुक्त किया है अपने शिवजी पर रोज 108 बेलपत्र चढ़ाया हैं अगला जन्म आपका राजा दशरथ के रूप में होगा आपके घर में आपकी गोद में राम जी खेलेंगे
पूज्य गुरु पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कहा जब कोई बीमार हो किसी से अस्पताल में मिलने जाओ तो पहले शिव जी के मंदिर जाओ और बाबा से प्रार्थना करना कि हम जिससे मिलने जा रहे हैं उसे आप ठीक कीजिए मेरे साथ चलिए और उसे स्वस्थ कीजिए वहां जाकर उसे कहना कि तुम ठीक हो जाओगे और अपने जिस हाथ में जल लगाया है उसे हाथ का स्पर्श उसके शरीर में जरूर करा देना
पत्र नीलम मैं बाबा का क्या वर्णन करूं मेरे पति के आंखों की रोशनी चली गई थी डॉक्टर ने कहा इंजेक्शन लगेगा ऑपरेशन होगा उसके बाद आंखों में रोशनी आएगी ऑपरेशन के लिए धन नहीं था सीहोर गए वहां से रुद्राक्ष को तांबे के लोटे में गला कर शिवलिंग पर चढ़कर आंखों में जल लगाया बाबा की कृपा से मेरे पति के आंखों में रोशनी आ गई
पूज्य गुरु पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने बताया शिव मंदिर में तीन बार ताली क्यों बजाई जाती है इसका महत्व क्या है
पूज्य गुरु पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने बताया रोग मुक्ति के लिए ताली का नाद होता है गुरु जी ने कहा कि किसी भी देश का किन्नर डॉक्टर के पास नहीं जाता दवाई लेने क्योंकि उनकी एक दवा है कि जो वह हाथ से ताली बजाते हैं उससे सारी बीमारियां समाप्त हो जाती हैं
शिव के मंदिर में जब हम तीन बार ताली बजाते तो हमारे ताप, दुख, तकलीफ, कष्ट, बीमारी कट जाती हैं शिवजी कहते हैं अगर ताली नहीं बजा सकते तो मंदिर के शिखर का दर्शन कर लो शिखर दर्शनंम पाप नाशनम् शिखर का दर्शन करने से ही सुख मिल जाता है शिखर का दर्शन दुखों का निवारण कर देता है अगर शिखर का दर्शन भी नहीं कर सकते, एक लोटा जल भी नहीं चढ़ा सकते, ताली भी नहीं बजा सकते तो मंदिर के सामने से निकल जाओ तो भी आपका कल्याण हो जाएगा
मंदिर में शिखर कहाँ होता
मंदिर में शिखर सबसे ऊपर जो पीतल सोने के कलश लगे होते है वही मंदिर का शिखर होता है बहुत सरे लोग शिखर का मतलब झंडा समझते है फोटो आप देख सकते है
अरुण बंसल मेरी सरकारी नौकरी नहीं थी आपका एक लोटा जल सारी समस्या का हल है एक बेलपत्र पर शहद लगाकर चढ़ाया और 2023 में बाबा की कृपा से मेरी सरकारी नौकरी लग गई पूज्य गुरु पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कहा जब आपको लगे कि आपकी समस्या तकलीफ बढ़ रही है तो कहीं नहीं जाना घर से एक लोटा जल भरो और शिव मंदिर पहुंच जाना।
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं हर हर महादेव