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Pandit Pradeep Mishra : सिर्फ ये बोलने से आपके दुख, कष्ट, तकलीफ, पाप कटेगा, नौकरी का उपाय

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Day 07 संत शिव महापुराण स्पोर्ट्स स्टेडियम बठिंडा पंजाब में चल रही कथा का आज कथा का विराम दिन था शिवपुराण कथा की शुरुआत में पूज्य गुरु जी Pandit Pradeep Mishra जी ने कहा यह मनुष्य का शरीर बहुत मुश्किल से मिलता जितनी मुश्किल यह मनुष्य का शरीर मिलने में उतनी ही मुश्किल से भगवान का भजन हो पता आपको अच्छा शरीर मिला है तो परमात्मा को धन्यवाद देना कई लोग ऐसे हैं जिन्हें शरीर तो मिला लेकिन पलंग पर व्हीलचेयर पर है कई लोगों का हाथ पैर ही नहीं काम करता दुनिया का सबसे पहला सुख है निरोगी काया दूसरे नंबर पर है घर में माया

Day 07 Shree Sant Shiv Mahapuran Katha Bathinda Punjab Pandit Pradeep Mishra

गुरु नानक जी ने कहा कि जिस दिन घर का काम करते-करते, व्यापार करते-करते आपके कदम गुरु के द्वार दरवाजे परमात्मा के द्वार दरवाजे पर चले जाये तो समझ लेना अपने चारों तीर्थ पूर्ण कर लिए

पूज्य गुरु जी Pandit Pradeep Mishra जी ने कहा शिव महापुराण की कथा कहती है जब तक शरीर अच्छा चल रहा है तब तक भजन कर लो जब तक घर में चल रही है आपकी तब तक दान कर लो शरीर चल रहा है तो शिव महापुराण की कथा पंडाल में जाकर बैठकर कथा सुन लो शरीर नहीं चलेगा तो आप मंदिर भी नहीं जा पाओगे कथा में भी नहीं जा पाओगे

पत्र अमन सोनी मेरे पिताजी के पेट में गांठ हो गई धीरे-धीरे शरीर की नसे सिकुड़ने लगी शिवजी का चढ़ा हुआ जल दिया एक बेलपत्र खिलाई बाबा की कृपा से कैंसर समाप्त हो गया शरीर अच्छे से कम कर रहा है

अगर हमारे अंदर क्रोध अहंकार आ गया तो यह हमें परमात्मा से मिलने नहीं देगा

स्कंद पुराण का संवाद महेंद्रपुरम के राज एक राजा थे महेंद्रपुर के राजा और उनकी धर्मपत्नी दोनों लोग शिव के भक्त थे इन्होंने एक बार भी भगवान शंकर से कुछ नहीं मांगा उनकी पत्नी जब गर्भ में से थी तो उनकी जो दासी थी वह दासी शिव की विरोधी थी जब गर्भ में संतान हो तो थोड़ा ध्यान रखना कि गलत संगत से दूर रहना गलत संगत का मतलब कि आप निंदा ना करें आप चुगली ना करें आप निंदा ना सुने बच्चों में वह असर आ जाता है

पूज्य गुरु जी Pandit Pradeep Mishra जी ने कहा दुनिया के लोग कहते हैं कि शिव के मंदिर में हम जाएंगे तो दुख कटेगा शिव महापुराण की कथा कहती है जब आपके मन में आ गया कि शिव के मंदिर में जाएंगे उसी क्षण से दुख काटना प्रारंभ हो जाता है शिव महापुराण की कथा कहती है कि आपका मन में यह भाव आ गया कि मैं मंदिर जाऊंगी एक लोटा जल चढ़ाऊंगी शिव महापुराण की कथा में जाऊंगी समझ लीजिए कि आपका दुख काटना प्रारंभ हो गया अगर दुख नहीं काटता तो आपके मन में यह अच्छा विचार आता ही नहीं अच्छा विचार तभी आता है जब आपके दुख काटने का समय आता है शिव महापुराण में वहीं पहुंचता है जिसको शिवजी ने बुलाया होता है जिसका कष्ट मिटाना होता है

पूज्य गुरु जी Pandit Pradeep Mishra जी ने कहा जो कथा 16 जनवरी से 20 तारीख तक कल्याण मुंबई में होनी थी वह कथा चालीसगांव महाराष्ट्र में होगी 2:00 से 5:00 तक

पत्र पवन गर्ग भोले बाबा की कृपा का मैं क्या वर्णन करूं 2020 में मेरा कैंसर का ऑपरेशन करके कैंसर की गांठ निकल दी दूसरी बार फिर से कैंसर हो गया पूरे शरीर में कैंसर फैल गया कुबरेश्वर धाम से रुद्राक्ष लाये तांबे की लोटे में गला कर शिवजी के ऊपर चढ़कर जल पीना शुरू किया बाबा की कृपा से मेरे शरीर का पूरा कैंसर समाप्त हो गया

बच्चे ने जन्म लिया वह शिव का द्रोही हो गया क्योंकि उसने निंदा सुनी थी उसका नाम भानु कोपन हुआ एक दिन वह सो रहा था और उसके मुख पर सूर्य की किरणें पड़ी भानु कोपन ने सूर्य को पकड़ लिया हाहाकार हो गया कि सूर्य देव कहां गए तो पता चला कि एक बच्चा पालने में जो है उसने पकड़ रखा है ब्रह्मा इंद्र आदि देवताओं ने उसे आशीर्वाद दिया उसके माता-पिता काशी चले गए और भानु कोपन ने राज्य सत्ता सभाली अपने नगर में अहंकार फैलने लगा शिव भक्ति समाप्त हो गई भानु कोपन ने चारों ओर उपद्रव मचाने लगा देवताओं ने स्तुति की शिवजी से भानु को समाप्त करने के लिए शिवजी ने कहा कि इसके माता-पिता मेरी भक्ति करते हैं मैं नहीं मार सकता शिवजी ने कहा कि अगर कार्तिकेय जी से प्रार्थना की जाए और जिस समय उनकी धर्मपत्नी देवसेना शिव आराधना में लीन हो जाए उसे समय कार्तिकेय अगर भानु कोपन को मारेंगे तो प्राण छोड़ देगा

पूज्य गुरु जी Pandit Pradeep Mishra जी ने कहा जब हम भगवान शंकर भगवान को जल चढ़ाते हैं आराधना करते हैं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं कहते हैं या भगवान शंकर का हम अभिषेक पूजन कर रहे होते हैं शिव पुराण रहती है जब हम शंकर की आराधना करते हैं तो हमारे जितने पाप हैं जितने कष्ट हैं जितने दुख हैं इनको भगवान शंकर के पुत्र कार्तिकेय आकर समाप्त कर ही देते हैं हम भगवान शंकर पर जल चढ़ा रहे हैं शिव की आराधना कर रहे हैं शिव की भक्ति कर रहे हैं तो हमारे ऊपर आने वाली तकलीफें, दुख, कष्ट परेशानी नहीं आती शिवपुत्र कार्तिकेय समाप्त कर देते हैं एक नियम ले लो भटिंडा पंजाब से मैं प्रतिदिन शिव नाम का स्मरण अवश्य करूंगी श्री शिवाय नमस्तुभ्यं बोलूंगी केवल अपने ही दुख के लिए नहीं घर परिवार में जितने भी सदस्य रह रहे हो उन सभी के कष्ट के निवारण के लिए

पत्र ज्योति मेरे पति बीएसएफ में नौकरी करते हैं मेरे पति को मिर्गी की बीमारी हो गई दौरा पढ़ने लगे हर 15 दिन में उनका मिर्गी का दौरा आ जाता मेरे पति मंदिर की साफ सफाई करते और नंदी जी के पास बैठकर बेलपत्र खाते मेरे पति को अब एक भी दौरा नहीं आता 2 साल हो गए

पत्र दीक्षा मैं आज तक किसी को देख नहीं पाया हूं क्योंकि मैं जन्म से ब्लाइंड हूं आंखों से अंधा हूं आप की कथा से शंकर जी को अपने दिल में बैठाया है शिवजी कैसे होते हैं केवल कथा से जाना है आज तक हमने शंकर भगवान का चेहरा नहीं देखा क्या मैं व्यास पीठ पर आपको छू सकता हूं गुरूजी ने दोनों जन्म से ब्लाइंड बच्चों बुलाया व्यास पीठ पर बैठाया

पूज्य गुरु जी Pandit Pradeep Mishra जी ने कहा जब आप शिव की आराधना करते हो शिव भक्ति में डूबे रहते हो तो आपके दुख कष्ट तकलीफ शिव के पुत्र कार्तिकेय आकर काटते जरूर हैं इतना जरूर ध्यान रखिएगा कि विश्वास दिल में होना चाहिए

ध्यान लगाकर सुनिएगा अगर आपके घर में भगवान का जाप हो रहा है रोज सुबह शाम भगवान का दीप जल रहा है आपके घर में रोज भगवान का प्रतिदिन भजन हो रहा है तो समझ लेना कि आपके घर में शुद्ध लक्ष्मी आ रही है इसीलिए भजन हो रहा है

स्त्री नारी अपने पति, पिता, पुत्र को अपने घर को कभी डूबता हुआ नहीं देख नहीं देख सकती शिव महापुराण की उमा खंड में शिवजी मां पार्वती से कहते हैं शरीर का विकास करना मेरा काम है बुद्धि का विकास करना मनुष्य का काम है कौन अच्छा कौन गलत क्या अच्छा है क्या बुरा है इसका विचार मनुष्य को स्वयं करना

पत्र निर्मला देवी पूरे परिवार रिश्तेदार को परख लिया साथ तो भोले बाबा ही देते हैं कर्जा बहुत ज्यादा मात्रा में हो गया था मेरा पूरा कर्ज बाबा ने चुका दिया

पत्र राकेश कुमार मेरे पिताजी को कैंसर हो गया दो-तीन दिन के मेहमान थे पिताजी को शिवजी का चढ़ा हुआ जल दिया बेलपत्र दिया आप मेरे पिताजी चलने करने लगे और अच्छे हो गए …

पत्र रेवा देवी मेरा विवाह 22 साल पहले हुआ था 22 साल से मेरे घर में औलाद नहीं थी हम दोनों लोग मंदिर जाते बाबा पर जल चढ़ाते बेलपत्र खाते सफेद आंकड़े की जड़ का प्रयोग किया कुंदकेश्वर महादेव का नाम लिया बाबा की कृपा से मुझे संतान की प्राप्ति हुई

समुद्र मंथन में सबसे पहले पांच गौ माता निकली फिर विष निकला थोड़ा सा कष्ट मिले तो टेंशन मत लेना हम शिवजी को जल चढ़ाते हैं उसके बाद भी टेंशन शंकर जी के मंदिर जाते हैं उसके बाद भी तकलीफ हमारी जिंदगी में थोड़ी कष्ट आए तकलीफ आए तो घबराना नहीं है मेरा भोलेनाथ थोड़ा कष्ट दे रहा है थोड़ी तकलीफ दे रहा है भोलेनाथ ये जान कर दे रहा है क्योंकि उसको मालूम है यह मेरा भक्त है इसको मैं तकलीफ दूंगा जीता कर बताऊंगा शिवजी जीता के ही मानते हैं

जॉब नौकरी का उपाय Pradeep Mishra

जो बच्चे लड़के कहते हैं बहुत अप्लाई कर रहे हैं नौकरी नहीं लग रही बहुत मेहनत कर रहे हैं सफलता नहीं मिल रही उन बेटा बेटियों से निवेदन की इतनी जल्दी हिम्मत नहीं हारना खूब मेहनत करो खूब पढ़ाई करो आखरी में जब एग्जाम हो मंदिर जाओ बेल पत्ती में शहद लगाकर जाना विश्वास अटल करके जाना मैं अकेला नहीं हूं एग्जाम देने मेरा महादेव मेरे साथ में है

शिवलिंग पर बेलपत्र की बीच वाली पत्ती पर शहद लगा कर हाथ रख कर प्रार्थना करना बाबा मेरा एग्जाम है उससे आप को सभलना है आप मेरे साथ चलिए मेरे साथ एग्जाम इंटरव्यू में रहिये

12 ज्योतिर्लिंग का स्मरण तुमरुका जी ने चंचुला देवी को कराया चंद्रदेव को काया का रोग हुआ काया के रोग से मुक्त किया है उनका नाम सोमनाथ हो गया अगला वर्णन श्री मल्लिकार्जुन कार्तिकेय बाबा रुष्ट होकर चले जाते हैं महादेव उनको मनाने के लिए जाते हैं स्वयं भगवान मल्लिकार्जुन के रूप में विराजमान होते हैं अगला वर्णन महाकाल दूषण नाम के रक्षा का संघार करने के लिए भगवान महाकाल बनाकर प्रकट हुए अगला वर्णन विन्ध्य नामक पर्वत ने तप साधना करके शिव को पाया भगवान शंकर ओंकारेश्वर कहलाए अगला वर्णन नर नारायण ने तप करके भगवान शिव को पाया है केदारनाथ कहलाये अगला वर्णन भीम का संघार भगवान शंकर ने किया तो भीमाशंकर कहलाए अगला वर्णन मनु-शतरूपा के लिए भगवान शंकर स्वयं प्रकट हुए विश्वनाथ कहलाये अगला वर्णन गौतम बाबा पर गौ हत्या का दोष लगा दोष को मिटाने के लिए बाबा त्रयंबक बनाकर प्रकट हुए त्रयंबकेश्वर कहलाए अगला वर्णन रावण लेकर जा रहा था लेकिन मध्य में ही विराजमान हो गए बाबा बैजनाथ कहलाए अगला वर्णन दारुक के नाम के राक्षस संहार कर के भगवान नागेश्वर कहलाये अगला वर्णन राम जी ने स्थापना करी तो रामेश्वर कहलाए अगला वर्णन घुष्मा का बेटा जीवित कर के घृष्णेश्वर कहलाए।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् हर हर महादेव

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