पति-पत्नी में झगड़ा खत्म करने का अचूक उपाय Pradeep Mishra
पूज्य पंडित प्रदीप मिश्रा Pandit Pradeep Mishra जी ने Day 03 Shri Guru Shiv Mahapuran Katha श्री गुरु शिव महापुराण कथा में बताया भगवान शंकर के 21 अवतारों में से एक अवतार ग्रहपति है एक अवतार का नाम ग्रहपति है शंकर भगवान का ग्रह पति नाम ऐसा नाम है अगर पति पत्नी में आपस झगड़ा हो रहा है गृहपति का नाम लेकर एक लोटा जल चढ़ाने से पति पत्नी के सम्बन्ध को मजबूत बनता प्रेम जोड़ता विवाह सामप्त नहीं होता का रिश्ता
अगर आप के पति पत्नी के बीच में झगड़ा रहता आपस में प्रेम नहीं है या आप के पति आप की बात नहीं मानते तो आप किसी भी दिन शिव जी के मंदिर या शिवालय में एक लोटा जल जब चढ़ाये तो ग्रह पति नाम लेते हुए चढ़ाये इस से आप पति पत्नी के बीच में झगड़ा खत्म हो जायेगा आपस में प्यार प्रेम बढ़ेगा
Day – 03 श्री गुरु शिव महापुराण कथा सिरसा हरियाणा में पूज्य पंडित प्रदीप मिश्रा Pandit Pradeep Mishra जी ने बताया
मुद्गल ऋषि हरियाणा कुरुक्षेत्र की भूमि में निवास करते थे मुद्गल ऋषि का नियम था 15 दिन खेतों में गिरे दोनों को उठाना फिर उसके बाद उसका सत्तू बनाना उसके तीन हिस्से कर देते थे एक हिस्सा खुद के परिवार के लिए, दूसरा हिस्सा ऋषि संत साधु के लिए, तीसरा हिस्सा अतिथि पशु पक्षी के लिए, एक बार अकाल पड़ गया कई महीनो तक अन्न का एक दाना भी नहीं मिला 3 महीने बाद थोड़ा सा अनाज मिला उसका मुद्गल ऋषि ने सत्तू बनाया और तीन भाग में बांट दिया जैसे सत्तू खाने बैठे थे वैसे ही दुर्वासा ऋषि आ गए दुर्वासा ऋषि जी ने कहा मुझे बहुत तेज से भूख लगी है मुद्गल ऋषि को जो 3 महीने बाद सत्तू मिला था वह भी दुर्वासा ऋषि जी को दे दिया दुर्वास जी ने खा लिया फिर से दुर्वासा ऋषि जी ने कहा कि बहुत तेज से भूख लग रही है मुद्गल ऋषि ने कहा कि जितना प्रसाद था उतना सब दे दिया है
ऋषि, गुरु,संत, साधु, तपस्वी, साधक, किसी भगवान के भक्त, नदी, तालाब, बावड़ी, कुआं, समाधि, मंदिर, देवालय, शिवालय का दर्शन अगर होता है अपनी जिंदगी में समझना कि हमारे पूर्व के पुण्य प्रबल हुए हैं तो हमें दर्शन हुआ
हमारे शास्त्र कहते हैं भोजन की थाली के सामने कभी रोना मत शिव महापुराण की कथा कहती है भोजन करते वक्त जो हम अपने मन में अनुभव करते हैं भोजन हमारे शरीर में पहुंचने के बाद हमारी इंद्रियों में वही बल प्रदान करता है कभी भी रोते-रोते भोजन नहीं करना चाहिए क्रोध करते-करते भोजन न करें
शिव महापुराण की कथा तो यहां तक कहती है कि भोजन करते समय अगर टीवी में कोई नाटक आ रहा है मोबाइल में कोई वैसी चीज ना देखें हां मोबाइल, टीवी पर कथा भजन सत्संग खाना खाते-खाते देख सकते हैं नारी स्त्री सबसे सुंदर और सबसे बलवान कब होती है क्या स्त्री ब्यूटी पार्लर में सुंदर हो जाएगी क्या स्त्री जिम में बलवान हो जाएगी ब्यूटी पार्लर में जाकर स्त्री को इतनी सुंदरता नहीं मिलती जिम में जाकर स्त्री को बल नहीं मिलता
जितनी सुंदरता और बल अगर पति अपनी पत्नी से इज्जत सम्मान सत्कार से बात कर ले तो उसके चेहरे पर सुंदरता और बल आ जाता
मुद्गल ऋषि की बहू के आंख से आंसू आ गया और बहू ने दुर्वासा ऋषि को अपना भी प्रसाद दे दिया पशुपति व्रत तो यहां तक कहता है कि यदि बेटी मायके में पशुपति व्रत कर रही है तो उसका व्रत पूरा नहीं होगा वह ससुराल के पैसे से ससुराल के अन्न से पशुपति व्रत करें
किसी के भी यहां के सामान से पशुपति व्रत नहीं करना चाहिए आप शंकर जी को पहले जल चढ़ाते थे तो मंदिर का लोटा मंदिर के जल को चढ़ा देते थे लेकिन अब आप सब लोगों को पता चल गया कि हमें अपने घर का जल ले जाकर भगवान शंकर को चढ़ाना है इसीलिए भगवान शंकर आपकी कामना को पूर्ण कर देते हैं जितने दिन तक शिव महापुराण जहां होती वहां महादेव 12 ज्योतिर्लिंग छोड़कर विराजमान रहते हैं हम कथा में आने से पहले शंकर जी से दो बात बोलते हैं बाबा स्त्री की गोद और पुरुष की जब कभी खाली मत रखना
पत्र मीनाक्षी सोनी हमारे घर में बेटी थी लेकिन पुत्र नहीं था शिवजी को जल चढ़ाना शुरू किया पशुपति व्रत किया और बाबा की कृपा से हमारे घर में पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई
पत्र बंसल मेरा लिवर डैमेज हो गया डॉक्टर ने कहा जिंदगी भर कभी गेहूं नहीं खाना है शिवजी को जल चढ़ाना शुरू किया पशुपति व्रत किया डॉक्टर को दिखाया तो पता चला मेरा लिवर और किडनी दोनों सही हो गए जितने विश्वास से शिव महापुराण की कथा आप सुनते हो उतने विश्वास से महादेव आपकी झोली भरते हैं
घर में कोई अतिथि, संत, गुरु, साधु, बहन, बेटी कोई भी घर में आए आए तो मुस्कुराहट बहू के चेहरे पर जरूर होनी चाहिए जैसे ही दुर्वासा ऋषि ने बहू का चेहरा देखा वैसे ही वर दे दिया दुर्वासा ऋषि ने बहु से कहा जब तक आप पृथ्वी पर रहना चाहो रहो जितनी संपदा चाहिए सब मिलेगी आखरी में भगवान शंकर के कैलाश पर निवास करोगी यह मेरा वर है अपना हक अगर किसी को दिया जाता है तो वह कभी खाली नहीं जाता आशीर्वाद देकर दुर्वासा ऋषि चले गए
अतिथि, रिश्तेदार, बहन, बेटी, दामाद के आने पर अगर बहू के चेहरे पर मुस्कुराहट है तो देवता भी वर देते हैं सोने चांदी की बेलपत्र से बड़ी होती है एक वृक्ष की बेलपत्र जो सुख सोना चांदी की बेलपत्र नहीं देगी वह सुख एक वृक्ष की बेलपत्र दे देगी भगवान से प्रार्थना करना कि जब-जब में शिवालय कुबेरेश्वर धाम जाऊं एक बेलपत्र भगवान शिव की कृपा से जरूर मिले
वरनाथ मुनि को शादी के कई वर्ष निकल गए थे लेकिन संतान नहीं था
पत्र प्रियंका मेरी शादी को कई वर्ष हो गए थे शिवजी को जल चढ़ाना शुरू किया सफेद आंकड़े की जड़ का उपाय किया जल का आचमन करते मुझे बेटे की प्राप्ति हुई
पत्र प्रमिला 10 साल से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही थी लगी नहीं पशुपति व्रत किया और एक लोटा जल चढ़ाया बेल पत्ती पर शहद लगाकर शिवजी को चढ़ाया गवर्नमेंट जॉब मिल गई
सप्त नदियों का जल सात बेलपत्र संतान प्राप्ति उपाय प्रदीप मिश्रा
शादी के 40 साल भी हो गए हैं तो पांच पंडाल में जाकर कथा सुनो जहां जगह मिलेगी वहां पर बैठकर कथा सुन लेंगे जो मिलेगा उस प्रसाद रूप में ग्रहण कर लेंगे लेकिन पांच पंडाल की कथा सुनेंगे
शादी के 40 साल भी हो गए हैं अगर संतान का सुख नहीं है तो सप्त नदियों का पवित्र जल सात पवित्र नदियों का जल जैसे कावेरी, नर्मदा, गंगा, गोदावरी, मंदाकिनी, यमुना आप किसी भी सात पवित्र नदियों का जल ले सकते है सात नदियों का जल लेकर किसी शिव मंदिर शिवालय में सात बेलपत्र लेनी है और सात नदियों का जल एक कटोरी एक नदी का जल उसी एक बेलपत्ता रखना दूसरी कटोरी में दूसरी नदी का जल बेलपत्र रखना इसी तरह सातों नदियों का जल और बेलपत्र अलग अलग सात कटोरी में रख लेना
शिव जी के 108 नाम का जाप करना है श्री शिवाय नमस्तुभ्यं बोलना है और एक कटोरा वहां रख देना है जहां शिवलिंग से पानी नीचे गिरता है और जो आप ने सात नदी का जल बेलपत्र कटोरी रखा है एक कटोरी उठानी कटोरी की बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ा देनी कटोरी का पूरा जल समर्पित कर देना इसी तरह सातों कटोरी का जल बेलपत्र चढ़ा देना और बेलपत्ता की डंडी का मुख अशोक सुंदरी की तरफ होना चाहिए शिवलिंग का जल जहां से बह जा रहा है उसके ठीक विपरीत की ओर बैठकर जल बेलपत्र चढ़ाना 6 बेलपत्र का मुख अशोक सुंदरी की तरफ रहेगा सातवें नंबर की बेलपत्र की डंडी का मुख आप की तरफ होगा जो कटोरे में जल आया है उसे जल को ले लेना है जहां पर नंदी बैठे हैं जिस तरफ नंदी का पैर उठा हो वहीं पर बैठकर पति-पत्नी दोनों को उस जल का आचमन कर लेंगे उस जल को पूरा पी लेना है दोनों को पति-पत्नी झोली पसार प्रार्थना करेंगे हमें संतान का सुख देना एकांतेश्वर महादेव का स्मरण कीजिए जिस दिन आपको लगे कि आपका यह काम होना चाहिए तो उसे दिन एकांतेश्वर महादेव के पास बैठ जाओ विश्वनर ऋषि की पत्नी का गर्भ ठहर गया।
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं हर हर महादेव।